सूरज के साफ़ उजाले की तरह जिंदगी के हर पल उजले नहीं होंगे
कभी राहें नहीं होगी तो कभी हमराही नहीं होंगे
कर्त्तव्य का दीपक जलाए रखना साथी
क्यूंकि हर वक़्त आंधी नहीं होगी हर पल तूफान नहीं होंगे
जिंदगी की राह में पत्थर भी मिलेंगे कांटे भी मिलेंगे
कांटे और पत्थर क्या, दोस्त बन कर कुछ लोग गिराने वाले भी मिलेंगे
गिरने पर भी उठ खड़े होना साथी
क्यूंकि हर वक़्त ठोकरें नहीं होंगी हर पल गिराने वाले नहीं होंगे
मुश्किलें तो हवा का झोंका है आएंगी और जाएंगी
हिम्मत मत हारना साथी बुझती लौ ही नए दीपक को जलाएँगी
पर तू जो ठोकर से टूट गया या कर्त्तव्य से छूट गया
तो फिर तेरी जीत के किस्से नहीं होंगे तेरी कब्र पर पर रोने वाले नहीं होंगे
very good sharda ...inspiring liked the last line very much
ReplyDeleteI liked the kavita....very inspiring one ..
ReplyDeleteawesummm...like alwayz...
ReplyDeletethats wat matters....still we ignore...very well said HNY!
ReplyDeleteReally nice :) keep it up
ReplyDeleteaisa lagta hai jaise koi mujhe himmat de raha ho...
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