Wednesday, October 19, 2016

अच्छा हो या बुरा ये भी गुजर जाएगा

बस याद रखना,
अच्छा हो या बुरा ये भी गुजर जाएगा
जब खुशियों के पल नहीं रुके तो गम भी कहाँ ठहर पाएगा

कौन है जग में ऐसा जिसे मुश्किलों न छुआ हो
कभी चोट न लगी हो कभी  दर्द न हुआ हो
सुख-दुःख जीत-हार ये बारी बारी  आएंगे
तेरे सब्र को हर बार चरम तक आजमाएँगे

बस याद रखना,
अच्छा हो या बुरा ये भी गुजर जाएगा
जब खुशियों के पल नहीं रुके तो गम भी कहाँ  ठहर पाएगा

गिरना उठना यह गंतव्य नहीं बस राह है
हर बार गिर कर उठना यदि तेरा चाह है
तो थोडा भरोसा खुद पर रख थोडा अपने खुदा पर
हर बढ़ते कदम से तू मुश्किलों को जुदा कर जाएगा

क्यूंकि ,
अच्छा हो या बुरा ये भी गुजर जाएगा
जब खुशियों के पल नहीं रुके तो गम भी कहाँ ठहर पाएगा

[चरम- last level/extremity, गंतव्य= destination]




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