Thursday, July 1, 2010

पर फिर याद आता है

मुश्किलों से घिर जाने पर हारने का मन भी करता है कभी 
इतने थपेड़ों में टूट कर गिर जाने का मन भी करता है कभी 
पर फिर याद आता है हार तो वो माने जो खुद के जीने के लिए लड़ते  है 
यहाँ तो हमारी लड़ाई खुदा लड़ता है हम तो उसके बन्दों के लिए लड़ते हैं 

गिरने पर वापस न उठने का मन भी करता है कभी 
कदम रुकने पर ठहर जाने का मन भी करता है कभी 
पर फिर याद आता हैं कदम तो उनके रुकें जो खुद के लिए चलते हैं 
यहाँ तो हमारे लिए खुदा चलता है हम तो उसके बन्दों के लिए चलते हैं 

ख्वाबों के अधूरे रह जाने पर  खुदा पर  चिल्लाने का मन भी  करता है कभी
मनचाही चीज़ न मिलने पर किस्मत पर आरोप लगाने का मन भी करता है कभी
पर फिर याद आता है खुदा पर वो चिल्लाएं जिनके ख्वाब खुद के लिए हों 
यहाँ तो हमारे ख्वाब खुदा इस तरह बुनता है जैसे बुना हुआ ख्वाब खुद खुदा के लिए हो


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