Wednesday, July 28, 2010

कौन कहता है !!

कौन कहता है  कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती;
लक्ष्य से पहले रुकने के लिए खुद की  खुद से तकरार नहीं होती;
यक़ीनन होती है पर वो फिर भी चलते हैं क्यूंकि उन्हें है यकीं ;
कि हार, हर बार नहीं होती.

कौन कहता है की कोशिश करने वालों की राह में ठोकर  नहीं होती; 
मंजिल आने से पहले पैरों की गड्ढों  से समर  नहीं होती  ;
यक़ीनन होती है पर वो फिर भी चलते हैं क्यूंकि उनका जूनून कहता है;
कि ठोकर के बिना कोई राह राह नहीं होती .

कोशिश करने वाले भी हारते  हैं  पर फिर भी सपनो की दौड़ में भागते हैं; 
क्यूंकि  उन निराशा के  पलों में जब सभी जीते जीते मरते हैं;
कोशिश करने वाले मरते मरते भी जीवन के पलों को छीन लेते हैं ;
और फिर  कहते हैं कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. 


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